जिससे आग सुलगी है
वो बयान मेरा है
ये ज़मीन मेरी है
आसमान मेरा है
कोई problem है तुम्हें..!
गली नदी सड़क हवा
शहर की रेलगाड़ियाँ
गगन के सब हवामहल
जहाँ तलक वज़ूद है
पूरा जहान मेरा है
यह ज़मीन मेरी है
आसमान मेरा है
कोई problem है तुम्हें..!
डर की सरज़मीन से
शेर की दहाड़ तक
तिल से लेके ताड़ तक
राई से पहाड़ तक
जहां तलक है ज़िन्दगी
हर मकान मेरा है...
ये ज़मीन मेरी है
आसमान मेरा है
कोई problem है तुम्हें ...!
Tuesday, 11 September 2012
Friday, 1 June 2012
ये सब ढाँचे हिल जायेंगे
वो रात जो हम पे भारी है
उस रात की ये तैयारी है
दम साध के हम बैठे हैं मगर...
दम साध के बैठे हैं हम भी ।
इक रक्स अभी होते होते
इस वक्त का मतलब बो देगा
ये ज़ोर ज़बर के हर किस्से
इक रोज़ तो मानी खो देंगे
इक रोज़ तो दुनिया बदलेगी
मेरे जीतेजी सब होगा......
मेरी आंखों के आस पास .
ऐसा भी नहीं है के कोई
रफ़्तार अलग सी होती है
जब दौर बदल जाते हैं कहीं
चुटकी इक साथ बजाने पर
ऐसा भी नहीं है चुपके से
हम बुद्ध कहीं पर हो जायें
ऐसा भी नहीं है
सन्नाटा
कुछ और नहीं गहराएगा
ऐसा भी नहीं है बिन बोले
अल्फाज़ कभी खुशबू देंगे
ऐसा भी नहीं चरनेवाले
कुछ बीज कहीं पर बो देंगे ...
इक चीज पे ज़ोर लगाने से
ये सब ढाँचे हिल जायेंगे
कुछ और बढाओ रक्स अभी
कुछ और कुरेदो धरती को
वो रात जो हम पे भारी है
उस रात की ये तैयारी है .
उस रात की ये तैयारी है
दम साध के हम बैठे हैं मगर...
दम साध के बैठे हैं हम भी ।
इक रक्स अभी होते होते
इस वक्त का मतलब बो देगा
ये ज़ोर ज़बर के हर किस्से
इक रोज़ तो मानी खो देंगे
इक रोज़ तो दुनिया बदलेगी
मेरे जीतेजी सब होगा......
मेरी आंखों के आस पास .
ऐसा भी नहीं है के कोई
रफ़्तार अलग सी होती है
जब दौर बदल जाते हैं कहीं
चुटकी इक साथ बजाने पर
ऐसा भी नहीं है चुपके से
हम बुद्ध कहीं पर हो जायें
ऐसा भी नहीं है
सन्नाटा
कुछ और नहीं गहराएगा
ऐसा भी नहीं है बिन बोले
अल्फाज़ कभी खुशबू देंगे
ऐसा भी नहीं चरनेवाले
कुछ बीज कहीं पर बो देंगे ...
इक चीज पे ज़ोर लगाने से
ये सब ढाँचे हिल जायेंगे
कुछ और बढाओ रक्स अभी
कुछ और कुरेदो धरती को
वो रात जो हम पे भारी है
उस रात की ये तैयारी है .
Monday, 23 April 2012
Friday, 27 January 2012
अगर कन्धों पे gun रखना
अगर कन्धों पे gun रखना
तो भीतर तुम
वज़न रखना
नसों में बिजलियाँ
और सीने में
लोहे सा मन रखना
बदन पर धूप की कालिख लगी हो
यूं उमर गुजरे
कलाई पर घड़ी हो
या न हो
चेहरा बताये सब
चेहरा बताये सब
समय को किस तरह तुमने
गुजारा है पसीने में
है कितनी आग सीने में
ये बोले आँख की सुर्खी
बताएं पैर के छाले
के तुम आये कहाँ से हो
हथेली पर लकीरों से भी ज़्यादा
चोट के किस्से
फ़साने हों फकीरों से भी ज्यादा
तेरे होठों पर.
निशाने पर हमेशा
खोखले सब कायदे रखना
trigger पे उंगलियाँ रखना
और
माथे पर कफ़न रखना
अगर कन्धों पे gun रखना
तो भीतर तुम वज़न रखना
अकेले ही निकलना गर कभी कोई न मिल पाए
फ़क़त
इतना यकीं रखना
के तुम तनहा नहीं बिलकुल
बहुत बारूद लेकर छातियों में
गुमशुदा हैं सब
ज़मानत पे रिहा हैं लोग
जो
सडकों पे दिखते हैं
ये सब अपनी तरफ आयेंगे
ये logic बताता है
ये सब इस्पात के ढाँचे
ये काली रात के ढाँचे
ढलेंगे फिर से सांचों में
गलेंगी कीमतें सारी
हवाएं
फिर से बदलेंगी
यक़ीनन
देख लेना तुम
के अब सब सीज़ हो जाएँगे इंजिन
देख लेना तुम
और ख़त्म होंगे सब division
देख लेना तुम
ज़िगर में इक तमन्ना
और नज़र में बांकपन रखना
अगर कन्धों पे gun रखना
तो भीतर तुम वज़न रखना
..........चौथा खंड समाप्त
तो भीतर तुम
वज़न रखना
नसों में बिजलियाँ
और सीने में
लोहे सा मन रखना
बदन पर धूप की कालिख लगी हो
यूं उमर गुजरे
कलाई पर घड़ी हो
या न हो
चेहरा बताये सब
चेहरा बताये सब
समय को किस तरह तुमने
गुजारा है पसीने में
है कितनी आग सीने में
ये बोले आँख की सुर्खी
बताएं पैर के छाले
के तुम आये कहाँ से हो
हथेली पर लकीरों से भी ज़्यादा
चोट के किस्से
फ़साने हों फकीरों से भी ज्यादा
तेरे होठों पर.
निशाने पर हमेशा
खोखले सब कायदे रखना
trigger पे उंगलियाँ रखना
और
माथे पर कफ़न रखना
अगर कन्धों पे gun रखना
तो भीतर तुम वज़न रखना
अकेले ही निकलना गर कभी कोई न मिल पाए
फ़क़त
इतना यकीं रखना
के तुम तनहा नहीं बिलकुल
बहुत बारूद लेकर छातियों में
गुमशुदा हैं सब
ज़मानत पे रिहा हैं लोग
जो
सडकों पे दिखते हैं
ये सब अपनी तरफ आयेंगे
ये logic बताता है
ये सब इस्पात के ढाँचे
ये काली रात के ढाँचे
ढलेंगे फिर से सांचों में
गलेंगी कीमतें सारी
हवाएं
फिर से बदलेंगी
यक़ीनन
देख लेना तुम
के अब सब सीज़ हो जाएँगे इंजिन
देख लेना तुम
और ख़त्म होंगे सब division
देख लेना तुम
ज़िगर में इक तमन्ना
और नज़र में बांकपन रखना
अगर कन्धों पे gun रखना
तो भीतर तुम वज़न रखना
..........चौथा खंड समाप्त
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