Friday 17 May 2013

अगर सीधा पहुंचना हो तो फ़िर उलटी तरफ़ निकलो
तुम्हें पूरा जहाँ मिल जाएगा सुनाने समझने को 

बबली चड्ढा

बबली चड्ढा
बीसी की है ये सरकार
बीसी का हरदिन त्यौहार
बीसी के सपने रंगीन
बीसी की बातें नमकीन
बबली निकली एक दो तीन
बीसी खुश है तो खुशहाल
बीसी पलटे तो भूचाल
बीसी को यूँ सबसे प्यार
बीसी भड़के तो तलवार
बीसी बोले सच्ची बात
बोले बूँद को ये बरसात
बीसी बीज को बोले पेड़
बीसी राई को बोले ताड़
बीसी जाए by ट्रेन
तो बोले सबको aeroplane
बीसी long ड्राइव पे जाए
इसके नखरे वखरे हाय
बबली डिनर पे जाती है
SAB WAY pizza khati hai
बीसी ब्रांड पहनती है
उम्दा चीज़ उठाती है
बीसी ऑटो से जाए तो
 mercedease बताती है 

kerala journey

पहले थोड़ा ठहरे और फ़िर
एक सफर पर
चल निकले
बेख़ौफ़ चले
पैदल निकले
वक्त जहाँ
धीमा
धीमा सा
कई सदियों तक फैला है


समंदर पे हम अपना रुआब रखते हैं

वो कहते हैं अक्सर नीचे ज़मीन पर देखो 
मगर हम के करें हम ऊंचे ख्वाब रखते हैं 


 जो हम नहीं रखते वो बस हम नहीं रखते
मगर जो हम रखते हैं वो बेहिसाब रखते हैं 


हमने हवाओं के हवाले किया है कश्ती को
मगर समंदर पे हम अपना रुआब रखते हैं