के तुम्हारे वास्ते हम
लड़ेंगे हर खुदा से
तुम्हें
कैसे भूल जायें
तुम मां रही हो मेरी...
तुम वो जमीं हो जिसपे
पूरा का पूरा सिस्टम
बोली लगा रहा है
कहतें हैं तेरे नीचे सोना दबा हुआ है
गेहूं कि फुनगियों पर
सोने की बालियाँ हैं
हम
भूख से तड़प कर
सोना उगा रहे हैं...
हम जानते हैं तेरी
मौजूदगी का मतलब
और
तुम भी यकीन मानो
जब तक के हम खड़े हैं
कोई नहीं है ऐसा
तुमको जो रौंद डाले.
Tuesday 23 February 2010
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