Tuesday, 23 February 2010

दद्दा का कोई कहना हम कैसे टाल देंगे
दद्दा बड़े हैं हमसे
दुनिया चला रहे हैं
दद्दा का एक रुतबा है
लोगबाग कहते हैं...

दद्दा जहाँ पे चाहे मिसाइल डाल देंगे
टिगरिस कि एक छेद से चूहा निकाल देंगे
दद्दा के करिश्मे का अंदाज़ दूसरा है
तुम देखना के इक दिन ऐसा जरूर होगा
दद्दा हमारी डूबती नईया संभाल देंगे
दद्दा ने CTBT से हमको जोड़ डाला
दद्दा कि मेहरबानी हम खुद को बेच पाए ...

दद्दा के language में हर बच्चा बोलता है
दद्दा ने बैठ कर खुद
बदले हैं सब सिलेबस
दद्दा को सब पता है
किस किस को बदलना है
दद्दा का एक हाथ हमेशा है मेरे पीछे
और दुसरे से दद्दा अपनी खुजा रहे हैं

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