अपनी चुप्पी को सजा कर आँख में
मेरी चुप्पी का सिला देता है वो
कोई चर्चा अब नहीं होती यहाँ
वस्ल में अब
आजमाइश चल रही है
इन दिनों
गहरी उदासी में हूँ मैं
अपनी कमजोरी छुपाने के लिए
इक वजह
वो ढूंढता रहता है अब
मेरी गलती को भुनाने के लिए
अब हमारे बीच
बस एक जंग है
जिसका के ऐलान बाकी है अभी
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